Mahatmaa Gautam Buddha : से जुड़े रोचक तथ्य
Mahatmaa Gautam Buddha : से जुड़े रोचक तथ्य :-
गौतम बुद्ध धर्म के प्रवर्तक थे । इनका जन्म 483 ईसवी पूर्व तथा महापरीनिर्माण 563 ईसवी पूर्व में हुआ था। बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ रखा गया था। बुद्ध के जन्म से 12 वर्ष पूर्व महर्षि ने भविष्यवाणी की थी की, यह बालक आगे चलकर बहुत बड़ा सन्यासी बनेगा या सम्राट बनेगा। 35 वर्ष की आयु में उन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई । वेह संसार का मोह त्याग कर तपस्वी बन गए थे और परम ज्ञान की खोज में चले गए थे , सन्यास धारण करने के बाद उन्हे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता था , क्योंकी उनका जन्म राज घराने मे हुआ था ।
गौतम बुद्ध ने दुःख की खोज की थी , वेह कहते थे संसार में सबसे बुरी चीज है, दुःख, दर्द , तकलीफ़ , रोग आदि। उनके अनुसार व्यक्ति जब संसार में पैदा होता है वही उसका सबसे बड़ा दुःख है। और दुःख उसकी मृत्यु के बाद ही खत्म होता है दुःख से बचने के लिए उन्होंने पंच सिद्धांत बताए है । जिन्हें अपना कर वह अपने जीवन आसानी से काट सकता है।
गौतम बुद्ध के पांच सिद्धांत निम्न है :
बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कैसे हुई
बुद्ध ने राज महल छोङ कर सन्यास धारण कर लिया था । क्यों की उन्हे अपने प्रश्नो के उत्तर राज महल मे नही मिल पा रहे थे ।
सिद्धार्थ ने अपने प्रश्नों के उत्तर ढूँढना शुरू किये । समुचित ध्यान लगा पाने पर भी उन्हे अपने प्रश्नों के उत्तर नही मिल पा रहे थे , उन्होंने तपस्या भी की फिर भी उन्हे प्रश्नों के उत्तर नही मिले । इसके बाद उन्होंने अपने कुछ साथियो के साथ कठोर तपस्या की , ऐसे - ऐसे छ : वर्ष बीत गए , भूख से व्याकुल वेह मृत्यु के निकट पहुच गए थे, एक गाँव में भोजन की तलाश में निकल चुके थे, फिर वहा थोड़ा सा भोजन ग्रहण किया, फिर वेह एक पेड़ के निचे जाके बेठ गए , ( जिसे बोध वृक्ष के नाम से जाना जाता है) वही उन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई।
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